अब राजनैतिक रैलियों में भीड़ का हिस्सा नहीं बनेंगी सहरिया महिलाएं: महापंचायत का फैसला

शिवपुरी
सहरिया क्रांति द्वारा कोलारस अनुविभाग के ग्राम सुनाज में नववर्ष 2018 के आगमन पर सहरिया महापंचायत का आयोजन किया गया। इस सहरिया महापंचायत में 105 से अधिक सहरानों के मुखिया एवं सहरिया समाज के महिला- पुरूष सम्मलित हुये और सभी ने समाज में व्याप्त विभिन्न कुरीतियों के खात्मे का संकल्प लिया। इस महापंचायत में लिये महत्वपूर्ण संकल्प में है कि अब राजनैतिक दलों की रैलियों में सहरिया आदिवासी समाज की महिलाऐं भीड़ का सामान बनकर नहीं जायेंगी।

महापंचायत में 7 अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर भी विचार विमर्श कर पंचनामा तैयार किया गया है। 6 घण्टे से अधिक चली सहरिया क्रांति की इस महापंचायत की खास बात यह रही कि सहरिया समाज के मुखियाओं ने सदियों से चली आ रही कुरीतियों पर खुलकर चर्चा की व उन्हें समूल नष्ट करने की शपथ ली।

प्रदेश में सहरिया क्रांति सामाजिक संगठन प्रतिवर्ष नववर्ष के प्रथम सप्ताह में महापंचायत का आयोजन कर सहरिया समाज में व्याप्त कुरीतियों व बुराइयों के खात्में को लेकर पंचनामा जारी करता है। सहरिया क्रांति का पंचनामा पूरे सहरिया समुदाय में पहुंचता है व गांव- गांव में इस पंचनामा में लिखी समाज सुधार की बातें लागू होती हैं। इस वर्ष सहरिया क्रांति की महापंचायत कोलारस अनुविभाग अन्तर्गत आने वाले ग्राम सुनाज में आयोजित की गई।

सहरिया महापंचायत के आरम्भ में मंचासीन समाज प्रमुख रामस्वरूप आदिवासी, कृष्णा आदिवासी, रघुराज आदिवासी, उधम आदिवासी, इमरत आदिवासी, महेश आदिवासी, अशोक आदिवासी एवं मांगीलाल आदिवासी ने माँ सबरी को नमन कर पुष्प अर्पित किये। तत्पश्चात सभी अतिथियों का पुष्पहार से स्वागत किया गया।

इस अवसर पर उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए सहरिया क्रांति संयोजक संजय बेचैन ने आदिवासी समाज में व्याप्त कुरीतियों के खात्मे के लिए अपील की एवं सहरिया समाज के उत्थान में अवरोध बन रही कई बुराइयों पर खुलकर चर्चा की।

महापंचायत में सुनाज ग्राम के रामस्वरूप आदिवासी ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि पूर्व में अज्ञानवश हमारा समाज व्यसन और बुराइयों के दलदल में घंसता चला गया अब सहरिया समाज में रोशनी की किरण बनकर सहरिया क्रांति आंदोलन चला है जिससे वर्षों से भटका हुए हमारे समाज में जबरदस्त सुधार आ रहे हैं। उन्होने कहा कि यह सहरिया क्रांति का ही परिणाम है कि सहरिया समाज के 70 प्रतिशत से अधिक लोग शराब और व्यसनों से दूरी बना चुके हैं।

इमरत आदिवासी ने महापंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि सदियों से हमारे भोले भाले स्वभाव के कारण दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों ने हमारा जमकर शोषण और दमन किया लेकिन अब सहरिया समाज व्यसनमुक्ति के बाद जागरूक हो रहा है। अब हम हमारा शोषण करने की हिम्मत करने वाले को मूंहतोड जबाब दिया जाएगा।

रघुराज आदिवासी ने कहा कि सहरिया क्रांति की अपमान भोज त्यागने की अपील समाज को सम्मान के मार्ग पर ले जायेगी। आज जिस तरह गांव में कई लोग जो समाज के लोगों को निमंत्रण देकर घूरे पर बैठाकर अपमानित करते हैं और कुत्तों से भी बदत्तर अंदाज में खाना खिलाते हैं उन लोगों के यहां शादी विवाह में हमें अपमान जनक तरीके से दी जाने वाली पंगत का बहिष्कार करना है।

सरपंच उधम आदिवासी ने कहा कि चुनाव में कोई भी पार्टी के लोग दारू बांटकर वोट लेने आये  तो उनको लात मारकर गांव से भगाना है।

महेश आदिवासी ने कहा कि सहरिया समाज में शराब जैसा व्यसन व्याप्त था जो पूरे समाज को खाता जा रहा था, लेकिन सहरिया क्रांति आंदोलन छेडकर संजय बेचैन ने समाज को सही राह पर ले जाने का कार्य किया है और आज उनके उसी संघर्ष का परिणाम है कि कई संगठन, अधिकारी और नेतागण शराब त्यागने के संकल्प दिला रहे हैं। उन्होने समाज के लोगों से बच्चों को शिक्षित करने की बात भी कही।

महापंचायत में अशोक आदिवासी,कृष्णा आदिवासी, कल्याण आदिवासी, श्रीमती रामवती आदिवासी ने भी समाज के लोगों को संबोधित किया।
महापंचायत में उद्बोधन के बाद उपस्थित मुखियाओं द्वारा पंचनामा जारी किया गया।

नववर्ष में जारी पंचनामा
1. किसी भी राजनैतिक दल की रैली में सहरिया आदिवासी समाज की महिलायेंं जब तक शामिल नहीं होंगी जब तक अन्य कथित ऊंचे समाज की महिलायें भी उस रैली में शामिल नहीं होतीं ।
2. गांव में कोई भी सहरिया समाज का व्यक्ति, महिला और बच्चा ऐसी पंगत में खाना खाने नहीं जायेगा जहां उसे अपमानजनक तरीके से भोजन कराया जाये व नीचा दिखाया जाये।
3. युवावस्था में हुई किसी भी मृत्यु पर तेरहवीं का आयोजन नहीं किया जायेगा केवल कन्या भोज का आयोजन होगा।
4 शादी के समय वर पक्ष के लोग वघुपक्ष से टीका नहीं मांगेंगे और किसी भी स्थिति में 1100 से अधिक का टीका नहीं किया जावेगा।
5. बारात में खर्चीले डीजे व बैण्ड बाजों के स्थान पर भंागडा व ढपला ले जाया जायेगा ।
6. चुनावों के समय शराब बांटने वाले किसी भी प्रत्याशी को वोट नहीं दिये जायेगे।
7. दहेज में केवल पांच छोटी रकम एवं पीतल के बर्तन लाये जायेंगे।
8. शराब पीकर उत्पात मचाने वाले को सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी दी जायेगी।
9. बच्चों को विद्यालय नहीं भेजने वाले माता-पिता के विरूद्व समाज स्थानीय स्तर पर निर्णय लिया जायेगा।
10. पंचनामा में उल्लेखित बिन्दुओं का पालन नहीं करने वालों के विरूद्व सामाजिक दण्ड की कार्यवाही की जायेगी।

 

Source : Agency

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Name: धीरज मिश्रा (संपादक)

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